अब गांव की महिलाएं बनेंगी सोलर लीडर! सूर्यघर योजना में घर-घर सोलर लगवाने के लिए चुनी गईं 300 सूर्य सखियां 

Durgesh Paptwan
Durgesh Paptwan | June 17, 2025

उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण महिलाओं के लिए एक नई दिशा की शुरुआत की है। “सूर्य सखी” नाम की यह पहल, प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के तहत शुरू की गई है, जिसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में प्रशिक्षित करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के जरिए अब महिलाएं न सिर्फ अपने घरों की जिम्मेदारी निभा रही हैं, बल्कि गांव के विकास में भी बड़ी भूमिका निभा रही हैं। प्रयागराज जिले में इस योजना को लेकर एक बड़ा कदम उठाया गया है, जहां 300 महिलाओं को सूर्य सखी के रूप में तैनात किया गया है।

300 surya sakhi selection in up

क्या है सूर्य सखी योजना और इसका उद्देश्य

सूर्य सखी योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में रहने वाली महिलाओं को सौर ऊर्जा से जुड़े कार्यों के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य है कि हर ग्राम पंचायत में एक प्रशिक्षित महिला रहे, जो सोलर पैनल की स्थापना, रखरखाव और मरम्मत जैसे कार्यों को संभाल सके। इससे न केवल गांवों में सौर ऊर्जा का प्रचार-प्रसार होगा बल्कि महिलाओं को एक स्थायी आय का स्रोत भी मिलेगा। इस पहल से महिलाएं पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दे सकेंगी और ऊर्जा के प्राकृतिक संसाधनों का बेहतर उपयोग संभव होगा।

प्रयागराज में 300 महिलाओं की हुई तैनाती

प्रयागराज जिले में फिलहाल 300 महिलाओं को सूर्य सखी के रूप में तैनात किया गया है। इन महिलाओं का चयन राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के अंतर्गत चल रहे स्वयं सहायता समूहों से किया गया है। उन्हें पहले से बिजली या सोलर ऊर्जा की कुछ बुनियादी जानकारी थी, जिसे ध्यान में रखते हुए उन्हें चुना गया है। अब इन्हें UPNEDA (उत्तर प्रदेश नवकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण) की ओर से प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसमें उन्हें यह सिखाया जा रहा है कि सोलर पैनल कितने किलोवाट पर लगाए जाते हैं, सब्सिडी की गणना कैसे होती है और इंस्टॉलेशन प्रक्रिया क्या होती है। यह प्रशिक्षण 30-30 महिलाओं के समूह में दिया जा रहा है।

महिलाओं को मिलेगा काम और कमाई का मौका

इस योजना के तहत सूर्य सखियों को हर इंस्टॉलेशन पर कमीशन दिया जाएगा। साथ ही गांव में लगाए गए सोलर उपकरणों का रखरखाव पांच साल तक इन्हीं महिलाओं द्वारा किया जाएगा। रखरखाव के लिए उपकरण लागत का 2.5 प्रतिशत अलग से बजट तय किया गया है। इसका मतलब है कि अगर किसी उपकरण की कीमत एक लाख रुपये है, तो महिला को पांच साल में कुल ₹2500 तक मिल सकते हैं। यदि उपकरण खराब नहीं हुआ, तो यह पूरी राशि महिला की होगी। इससे न केवल उनकी मासिक आय में इज़ाफा होगा बल्कि वह तकनीकी रूप से भी दक्ष बनेंगी।

पात्रता शर्तेंविवरण
वैवाहिक स्थितिशादीशुदा होना अनिवार्य
उम्र40 वर्ष से कम
समूह की सदस्यताNRLM से जुड़ी महिला ही चुनी जाएगी
प्राथमिकताजिन्हें बिजली या सोलर की जानकारी हो

गांवों में बढ़ेगा सोलर ऊर्जा का इस्तेमाल

मुख्य विकास अधिकारी हर्षिका सिंह के अनुसार यह पहल गांवों में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में एक मजबूत कदम है। सूर्य सखियां ग्रामीण परिवारों को सोलर सिस्टम के फायदे बताएंगी और सरकारी सब्सिडी का लाभ दिलाने में मदद करेंगी। इससे लोगों के बिजली बिल में भारी कटौती होगी और सरकार की हर घर सौर योजना को तेज़ी से सफल बनाया जा सकेगा। यह योजना महिला सशक्तिकरण और पर्यावरण संरक्षण – दोनों क्षेत्रों में प्रभावी साबित हो रही है।

इस तरह, सूर्य सखी योजना ग्रामीण महिलाओं को न केवल आत्मनिर्भर बना रही है बल्कि उन्हें समाज में एक नई पहचान भी दे रही है। अब महिलाएं गांव में सिर्फ घरों की रोशनी नहीं, बल्कि भविष्य को भी उजागर करेंगी।

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