पीएम सूर्यघर योजना के तहत 30,000 सूर्यमित्र लगाने की प्रक्रिया तेज! न्यनतम योग्यता 10 पास के साथ ITI का डिप्लोमा है जरुरी

Durgesh Paptwan
Durgesh Paptwan | June 16, 2025

प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के अंतर्गत देशभर में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के साथ-साथ युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ी पहल की है, जिसके तहत राज्य में 30,000 युवाओं को “सूर्यमित्र” के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा। अब तक 3,000 से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण मिल चुका है और प्रक्रिया को तेज कर दिया गया है। अब लखीमपुर खीरी जिले के 80 युवाओं का सूर्यमित्र के रूप में चयन हुआ है। जिनको प्रशिक्षण के लिए लखनऊ भेजा जायेगा।   

30000 Suryamitra training update

इस योजना का उद्देश्य है कि सोलर रूफटॉप प्लांट्स की बढ़ती संख्या के अनुसार प्रशिक्षित मैनपावर तैयार हो, जो इन संयंत्रों की स्थापना, मरम्मत और देखभाल में सहयोग कर सके। इसके लिए यूपीनेडा द्वारा राज्य के विभिन्न आईटीआई और प्रशिक्षण संस्थानों को जोड़ा गया है, ताकि तकनीकी रूप से दक्ष युवाओं को इस सेक्टर में समर्पित किया जा सके।

कौन बन सकता है सूर्यमित्र और क्या होगी योग्यता?

सूर्यमित्र बनने के लिए सबसे जरूरी बात यह है कि उम्मीदवार कम से कम 10वीं कक्षा पास होना चाहिए। इसके साथ ही जिनके पास आईटीआई डिप्लोमा है – खासकर इलेक्ट्रिशियन, फिटर, वायरमैन, इलेक्ट्रॉनिक मैकेनिक या शीट मेटल जैसे ट्रेड्स में – उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। यह योजना विशेष रूप से उन युवाओं के लिए सुनहरा अवसर है जो तकनीकी क्षेत्र में रुचि रखते हैं और भविष्य में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं। इस योजना के अंतर्गत प्रदेश सरकार ऐसे युवाओं को चयनित करेगी और उन्हें ट्रेनिंग के लिए लखनऊ भेजा जाएगा, जहां उन्हें 45 दिनों का आवासीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह ट्रेनिंग पूरी तरह निशुल्क होगी और रहने-खाने की सुविधा भी सरकार की ओर से दी जाएगी।

क्या-क्या सिखाया जाएगा ट्रेनिंग के दौरान?

सूर्यमित्र प्रशिक्षण एक पूर्ण तकनीकी कार्यक्रम है, जिसकी कुल अवधि लगभग तीन महीने (600 घंटे) की होती है। इस दौरान युवाओं को कक्षा प्रशिक्षण, प्रैक्टिकल प्रयोगशाला, सोलर प्लांट एक्सपोजर, ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग (OJT), सॉफ्ट स्किल्स और उद्यमिता जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। लखनऊ स्थित प्रशिक्षण केंद्रों में उन्हें यह अनुभव प्राप्त होगा कि किस तरह सौर पैनल की इंस्टॉलेशन की जाती है, मेंटेनेंस कैसे किया जाता है और किसी तकनीकी समस्या का समाधान कैसे किया जाए। खास बात यह है कि प्रशिक्षण के बाद उन्हें रोजगार दिलाने में भी सहयोग किया जाएगा, जिससे वे विभिन्न कंपनियों, संस्थानों या स्वतंत्र रूप से भी कार्य कर सकें।

कैसे करें आवेदन और क्या होगी प्रक्रिया?

इस योजना में भाग लेने के इच्छुक युवा ऑफिसियल वेबसाइट https://suryamitra.nise.res.in/ पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के बाद योग्य अभ्यर्थियों का चयन किया जाएगा और उन्हें लखनऊ स्थित प्रशिक्षण केंद्र में भेजा जाएगा। चयन प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होगी और इसके लिए स्थानीय आईटीआई संस्थानों व जिलों के प्रशिक्षण केंद्रों से भी मार्गदर्शन लिया जा सकता है।

खीरी जिले के 80 युवाओं को पहले ही इस योजना में शामिल किया जा चुका है और हर जिले से धीरे-धीरे युवाओं को जोड़ा जा रहा है। इसके साथ ही प्रत्येक जिले में 5 TOT (ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर) भी नियुक्त किए जाएंगे, जिनके लिए इंजीनियरिंग ग्रेजुएट या आईटीआई डिप्लोमा धारकों का चयन होगा। यह पहल न केवल प्रदेश के तकनीकी ढांचे को मजबूत करेगी, बल्कि युवाओं को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का कार्य भी करेगी।

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