PM Suryaghar Yojana से बिजली फ्री का सपना साकार! मालवा-निमाड़ में लगे 35,800 सोलर पैनल, इंदौर बना पूरे प्रदेश का सोलर किंग! 

Durgesh Paptwan
Durgesh Paptwan | July 21, 2025

देशभर में बिजली संकट और महंगे बिलों से परेशान लोगों के लिए प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना (PM Suryaghar Yojana) किसी वरदान से कम नहीं है। खासकर मध्यप्रदेश के मालवा-निमाड़ क्षेत्र में इस योजना ने जबरदस्त सफलता हासिल की है। पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने अब तक ₹135 करोड़ की सब्सिडी सीधे उपभोक्ताओं के बैंक खातों में ट्रांसफर की है, जिससे हजारों लोगों ने अपनी छतों पर सोलर पैनल लगवाकर मुफ्त बिजली की शुरुआत कर दी है।

35800 solar panels installed in Malwa-Nimar

इंदौर बना सोलर क्रांति का नेतृत्वकर्ता

PM Suryaghar Yojana के तहत सबसे ज्यादा उत्साह इंदौर शहर में देखने को मिल रहा है। अकेले इंदौर में अब तक 9,000 से अधिक परिवार इस योजना से जुड़ चुके हैं और अपने घरों पर रूफटॉप सोलर पैनल लगवा चुके हैं। इंदौर के बाद उज्जैन, रतलाम और खरगोन जैसे जिले भी तेजी से इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। पूरे मालवा-निमाड़ क्षेत्र में अब तक 35,800 सोलर पैनल इंस्टॉल हो चुके हैं, जिनमें से 19,000 पैनल PM Suryaghar योजना के अंतर्गत लगे हैं। यह संख्या पहले की तुलना में दोगुनी से भी अधिक है जो दिखाता है कि लोगों का झुकाव अब सौर ऊर्जा की ओर तेजी से बढ़ रहा है।

3 किलोवाट तक सोलर सिस्टम पर ₹78,000 तक की सब्सिडी

इस योजना के तहत सरकार 3 किलोवाट तक के रूफटॉप सोलर सिस्टम पर ₹78,000 तक की सब्सिडी दे रही है। पहले 1 किलोवाट पर ₹30,000, दूसरे 1 किलोवाट पर ₹30,000 और तीसरे 1 किलोवाट पर ₹18,000 की सब्सिडी सीधे DBT (Direct Benefit Transfer) के जरिए लाभार्थियों के खाते में भेजी जाती है। इससे न सिर्फ सोलर सिस्टम की लागत कम हो जाती है बल्कि उपभोक्ताओं को बिजली के बिल से भी राहत मिलती है। यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और ऑनलाइन है, जिससे आम आदमी आसानी से योजना से जुड़ सकता है।

ऊर्जा मंत्री की पहल से बढ़ी रफ्तार

राज्य के ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर के निर्देशन में योजना की रफ्तार में जबरदस्त तेजी आई है। वेस्ट डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक अनुप कुमार सिंह ने बताया कि इस योजना से न सिर्फ उपभोक्ताओं को राहत मिली है, बल्कि पूरे पश्चिम क्षेत्र में सौर ऊर्जा की कुल उत्पादन क्षमता अब 255 मेगावाट तक पहुंच चुकी है। इससे मालवा-निमाड़ क्षेत्र बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनता जा रहा है और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी बड़ा कदम उठाया गया है।

यह भी पढ़े – 👉 Ayurveda छोड़ अब बिजली पर कब्जा! Patanjali की Solar Battery ने मार्केट में मचाया बवाल

Leave a Comment

error: Content is protected !!
हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें WhatsApp Icon