जर्मनी के Fraunhofer Institute for Solar Energy Systems (ISE) ने एक बड़ी तकनीकी उपलब्धि हासिल की है, जिससे भविष्य की स्मार्ट डिवाइसेज का पूरा चेहरा बदल सकता है। Fraunhofer के वैज्ञानिकों ने ऐसी इंडोर सोलर सेल बनाई है जो सामान्य घरेलू रोशनी में भी 40% से ज्यादा एफिशिएंसी से बिजली जनरेट कर सकती है। यह टेक्नोलॉजी खासतौर पर उन डिवाइस के लिए तैयार की गई है जो घर के अंदर चलते हैं और जिन्हें बार-बार चार्ज नहीं किया जा सकता, जैसे कि स्मार्ट सेंसर, हेल्थ मॉनिटरिंग डिवाइस और अन्य IoT (Internet of Things) डिवाइसेज।

कम रोशनी में भी कर रही है कमाल
इस टेक्नोलॉजी की सबसे खास बात यह है कि यह 100 lux जैसी कम रोशनी में भी बेहतरीन प्रदर्शन करती है। यानी वह रोशनी जो अक्सर एक सामान्य कमरे में होती है, उससे भी यह सोलर सेल पावर जनरेट कर सकती है। यह संभव हुआ है Gallium Indium Phosphide (GaInP) नामक मटेरियल के इस्तेमाल से जिसे III-V सेमीकंडक्टर की श्रेणी में रखा जाता है। रिसर्च के दौरान पता चला कि n-doped GaInP सेल्स, p-doped की तुलना में ज्यादा एफिशिएंट होती हैं क्योंकि इनमें चार्ज कैरियर्स की लाइफ ज्यादा होती है। इसका सीधा मतलब है कि ये सेल्स कमजोर रोशनी में भी ज्यादा बिजली पैदा करने में सक्षम हैं।
IoT डिवाइस के लिए क्रांतिकारी तकनीक
आज के समय में हजारों IoT डिवाइस घर और ऑफिस में इस्तेमाल हो रहे हैं, जो सेंसर से लेकर स्मार्ट कैमरा और रिमोट तक में शामिल हैं। इन डिवाइस को अक्सर बैटरी या वायर की मदद से पावर देना पड़ता है। लेकिन Fraunhofer की नई Indoor Solar Cell तकनीक से ये सभी डिवाइस सीधे LED या ट्यूबलाइट की रोशनी से खुद को चार्ज कर सकेंगे। इससे न सिर्फ बैटरी बदलने की झंझट खत्म होगी बल्कि वायरिंग की ज़रूरत भी कम हो जाएगी। यह टेक्नोलॉजी खास तौर पर उन इलाकों में उपयोगी साबित हो सकती है जहां इलेक्ट्रिकल इनफ्रास्ट्रक्चर सीमित है।
कई रिसर्च प्रोजेक्ट्स से मिला सहयोग
इस इनोवेशन को सफल बनाने में कई सरकारी और प्राइवेट रिसर्च प्रोजेक्ट्स का योगदान रहा है। “50Percent” प्रोजेक्ट को जर्मन फेडरल मिनिस्ट्री ऑफ इकनॉमिक्स एंड क्लाइमेट प्रोटेक्शन (BMWK) से समर्थन मिला जबकि “H2Demo” को फेडरल मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन एंड रिसर्च (BMBF) से फंडिंग मिली। इसके अलावा “SMART” नामक प्रोजेक्ट को AZUR SPACE Solar Power और German Space Agency (DLR) ने भी सपोर्ट किया। इन सभी प्रयासों से Fraunhofer के वैज्ञानिकों को सही डिजाइन, मटेरियल क्वालिटी और आर्किटेक्चर डेवलप करने में मदद मिली, जिससे यह संभव हो पाया।
भविष्य में लाइट ही बन जाएगी पावर का जरिया
Fraunhofer की यह टेक्नोलॉजी एक नई क्रांति का संकेत देती है, जिसमें घरेलू रोशनी ही चार्जिंग का स्रोत बन सकती है। आने वाले समय में ऐसा संभव हो सकता है कि हमारे सभी स्मार्ट डिवाइसेज जैसे घड़ी, थर्मोस्टेट, हेल्थ ट्रैकर, रिमोट या यहां तक कि छोटे रोबोट कभी चार्जिंग केबल से न जुड़ें, बल्कि केवल कमरे की लाइट से ही पावर लेकर काम करते रहें। यह तकनीक न केवल पर्सनल डिवाइसेज के लिए उपयोगी है, बल्कि स्मार्ट होम, इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन और हेल्थ टेक्नोलॉजी में भी बड़ा बदलाव ला सकती है।
यह भी पढ़े – 👉 बिहार में गरीबों के लिए 100% सब्सिडी पर सोलर सिस्टम! नीतीश सरकार लगाएगी घर घर सोलर पैनल