भारत में बढ़ती जनसंख्या और बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था के साथ बिजली की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। परंपरागत बिजली स्रोत जैसे कोयला और गैस से बिजली उत्पादन की सीमाएं हैं, जिसके चलते ग्रीन एनर्जी यानी सोलर और विंड एनर्जी की ओर ध्यान देना जरूरी हो गया है। इसी के तहत, केंद्र और राज्य सरकारें समय-समय पर सोलर पैनल और सोलर पंप लगाने के लिए सब्सिडी और योजनाएं लेकर आती रहती हैं। इससे न केवल बिजली की खपत कम होगी, बल्कि किसानों को सिंचाई के लिए बिजली की चिंता भी नहीं करनी पड़ेगी। आज हम बात करेंगे 7.5 एचपी सोलर पंप की कीमत और जानेंगे की इसे कैसे सस्ते में लगवा सकते है।

7.5 एचपी सोलर पंप की कीमत
7.5 एचपी सोलर पंप की कीमत आमतौर पर ₹4,00,000 से ₹6,00,000 के बीच होती है। कीमत में वेरिएशन कई कारणों पर निर्भर करता है, जैसे कि पंप का ब्रांड, क्वालिटी, इंस्टॉलेशन की जगह और सरकार की सब्सिडी स्कीम्स। उदाहरण के लिए, Tata Power Solar और Torren Pumps जैसे ब्रांड्स अलग-अलग कीमत पर सोलर पंप ऑफर करते हैं।
सब्सिडी के बाद कीमत
सरकार की पीएम कुसुम योजना के तहत सोलर पंप पर भारी सब्सिडी दी जाती है। इस योजना के तहत 7.5 एचपी सोलर पंप पर करीब 90% तक सब्सिडी मिलती है, जिसमें से 60% सीधी सब्सिडी (30% केंद्र और 30% राज्य सरकार द्वारा) होती है और 30% की राशि बैंक से लोन के तौर पर दी जाती है। इसका मतलब है कि आपको केवल 10% राशि ही खुद से लगानी होगी।
सब्सिडी और लोन | सब्सिडी % | वास्तविक कीमत (लगभग) |
सीधी सब्सिडी | 60% | ₹2,40,000 – ₹3,60,000 |
लोन | 30% | ₹1,20,000 – ₹1,80,000 |
खुद का खर्च | 10% | ₹40,000 – ₹60,000 |
सोलर पंप की खासियतें:
फीचर | विवरण |
पावर रेटिंग | 7.5 HP |
सोलर मॉड्यूल | 6750Wp |
वाटर डिस्चार्ज | 1,55,250 लीटर @ 50 मीटर हेड |
वारंटी | 25 साल मॉड्यूल, 5 साल पंप और कंट्रोलर |
सब्सिडी | 90% केंद्र सरकार के तहत |
इंस्टॉलेशन और रखरखाव टिप्स
- सोलर पैनल की सही दिशा: सोलर पैनल्स को ऐसे एंगल पर इंस्टॉल करें ताकि वे पूरे दिन सूर्य की रोशनी का अधिकतम फायदा उठा सकें। इसके लिए आमतौर पर पैनल्स को दक्षिण दिशा की ओर झुकाया जाता है।
- पैनल की नियमित सफाई: धूल या गंदगी के कारण पैनल्स की एफिशिएंसी कम हो सकती है, इसलिए इन्हें नियमित रूप से साफ रखें।
- पंप सिस्टम की जांच: पंप के कंट्रोलर और मोटर की समय-समय पर जांच करें ताकि कोई तकनीकी समस्या न हो।
किसानों के लिए वरदान है पीएम कुसुम योजना
इस योजना के तहत किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त या बहुत कम खर्च में बिजली मिल रही है, जिससे डीजल और पारंपरिक बिजली की खपत घट रही है। किसान अतिरिक्त सौर ऊर्जा को ग्रिड में बेचकर भी अच्छी कमाई कर सकते हैं। जिनके पास बंजर या असंचित जमीन है, वे वहां ऊंचाई पर सोलर पैनल लगाकर भूमि का बेहतर उपयोग कर सकते हैं, जिससे खेती में कोई रुकावट नहीं आती है। इस लाभ को पाने के लिए किसान के पास कृषि भूमि या बंजर भूमि का स्वामित्व होना चाहिए और वे पंचायत समूह, सहकारी समिति, किसान समूह या जल उपयोगकर्ता संघ के जरिए आवेदन कर सकते हैं।
यह भी पढ़े – 👉 अडानी के 2kw सोलर सिस्टम लगाने का खर्चा जानिए, ₹60000 की Subsidy दे रही है सरकार