Rajasthan PM Kusum Yojana Update: राजस्थान के किसानों के लिए एक बेहद राहत भरी खबर सामने आई है। अब प्रदेश के 24,841 कृषि पंप सोलर ऊर्जा से चलाए जाएंगे, जिससे उन्हें अगले 25 वर्षों तक केवल ₹2.71 प्रति यूनिट की सस्ती और स्थायी बिजली मिलेगी। यह पहल केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री कुसुम योजना (PM-KUSUM) के अंतर्गत शुरू की गई है, जिसमें Component-C यानी फीडर लेवल सोलराइजेशन को लागू किया जा रहा है। इस योजना का मकसद किसानों को महंगी बिजली से राहत देना और देशभर में 35 लाख कृषि पंपों को सोलर से जोड़ना है। राजस्थान में इस योजना के तहत अब तक 4 लाख कृषि पंपों की मंजूरी दी जा चुकी है, जिनमें से 24,841 पंप पहले फेज में सोलर से जुड़ने जा रहे हैं।

233.97 मेगावाट के 82 सोलर प्लांट्स तैयार, 7 जिलों को फायदा
इस योजना के तहत जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (JVVNL) ने कुल 233.97 मेगावाट क्षमता की सोलर परियोजना स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह क्षमता राज्य के विभिन्न जिलों – कोटा, बूँदी, टोंक, भरतपुर, बाड़मेर, भीवाड़ी और बारां में स्थापित किए जा रहे कुल 82 सोलर फोटोवोल्टिक प्लांट्स से प्राप्त होगी। इन प्लांट्स के ज़रिए कृषि फीडरों को दिन में ही सस्ती सोलर बिजली मिलेगी, जिससे न सिर्फ किसानों को फायदा होगा बल्कि ग्रामीण इलाकों में बिजली की उपलब्धता और गुणवत्ता में भी सुधार आएगा।
₹2.71/unit में मिलेगी बिजली, किसानों को मिलेगा ज़मीन का किराया
इस पूरी योजना को RESCO मॉडल के तहत लागू किया जा रहा है, जिसमें निजी डेवलपर्स को सोलर प्लांट लगाकर ग्रिड को बिजली देने की अनुमति दी जाती है। इसके लिए JVVNL ने दो टेंडर (TN-13 और TN-14) निकाले, जिनमें कुल 20 बिडर्स ने हिस्सा लिया। प्रतिस्पर्धी बोलियों के बाद सबसे कम टैरिफ ₹2.711 प्रति यूनिट तय हुआ और अधिकतम सीमा ₹3.040 रखी गई।
JVVNL ने इस पर LOI (Letter of Intent) जारी कर दिए हैं और अब RERC (राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग) की मंजूरी का इंतज़ार है। खास बात यह है कि इन सोलर प्लांट्स के लिए किसानों की ज़मीन ली जाएगी, जिसके बदले उन्हें स्थानीय DLC दरों के हिसाब से किराया मिलेगा। यह भुगतान सीधा राजस्थान ऊर्जा विकास आईटी लिमिटेड (RUVITL) द्वारा किया जाएगा। साथ ही केंद्र सरकार प्रति मेगावाट ₹1.05 करोड़ तक की सब्सिडी भी मुहैया करवा रही है।
बिजली कंपनियों को भी होगा भारी फायदा, अगला टेंडर भी तैयार
यह योजना सिर्फ किसानों के लिए ही नहीं, बल्कि बिजली वितरण कंपनियों (DISCOMs) के लिए भी बेहद फायदेमंद है। वर्तमान में राजस्थान में डिस्कॉम्स की औसतन बिजली खरीद लागत ₹4.03 प्रति यूनिट है, जबकि इस योजना के तहत अधिकतम सोलर टैरिफ ₹3.041 है। इसका मतलब है कि डिस्कॉम को हर यूनिट पर ₹1 से ₹2.68 तक की बचत होगी। इससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी और ग्रिड की स्थिरता भी बनी रहेगी।
बेहतर वोल्टेज प्रोफाइल और RPO (Renewable Purchase Obligation) की पूर्ति जैसे फायदे भी इस स्कीम से जुड़े हैं। इतना ही नहीं, JVVNL ने अब एक नया 238 मेगावाट का टेंडर TN-15 भी निकालने की तैयारी कर ली है, जिससे और अधिक कृषि पंपों को सोलर से जोड़ा जा सकेगा।
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