IIT Madras के छात्रों ने एक ऐसा इनोवेशन पेश किया है जिस पर पूरे देश को गर्व हो सकता है। छात्रों की टीम ने ‘Aagneya’ नाम की एक सोलर पावर्ड रेसिंग कार तैयार की है, जो अब ऑस्ट्रेलिया में आयोजित होने वाले Bridgestone World Solar Challenge 2025 में भाग लेने जा रही है। यह प्रतियोगिता 24 अगस्त से 31 अगस्त 2025 के बीच आयोजित होगी और इसमें प्रतिभागियों को डार्विन से एडिलेड तक करीब 3,000 किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी।

यह दुनिया की सबसे कठिन सोलर कार रेस मानी जाती है, जिसमें न केवल तकनीकी श्रेष्ठता, बल्कि टीम की मानसिक और शारीरिक मजबूती की भी कड़ी परीक्षा होती है। Aagneya को Team Agnirath द्वारा विकसित किया गया है, जो IIT Madras के Centre for Innovation (CFI) का हिस्सा है। इस टीम की शुरुआत 2021 में मात्र 6 छात्रों से हुई थी, जो अब बढ़कर 38 छात्रों की मल्टीडिसिप्लिनरी टीम बन चुकी है।
इस कार को 13 जुलाई 2025 को IIT मद्रास के निदेशक प्रो. वी. कामकोटी ने लॉन्च किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि Aagneya केवल एक कार नहीं, बल्कि नवाचार, टीमवर्क और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में IIT Madras ने 100 से अधिक स्टार्टअप्स को इनक्यूबेट किया और 470 से ज्यादा पेटेंट फाइल किए हैं। उनका कहना है कि छात्रों को यह भरोसा होना चाहिए कि IIT Madras से निकली कोई भी स्टार्टअप यूनिकॉर्न बन सकती है। प्रोफेसर एम.एस. शिवकुमार, जो Team Agnirath के फैकल्टी एडवाइज़र हैं, उन्होंने बताया कि यह प्रोजेक्ट छात्रों की मेहनत, धैर्य और तकनीकी समझ का जीवंत उदाहरण है। छात्रों ने इसे बनाने में हजारों घंटे बिताए हैं और हर छोटे से छोटे पहलू पर ध्यान दिया है।
Aagneya की सबसे बड़ी खासियत इसका हाई-टेक और इनोवेटिव डिजाइन है। इस कार को पूरी तरह से कार्बन फाइबर बॉडी से बनाया गया है, जिससे इसका वजन काफी कम हुआ है। इतना ही नहीं, कार के सोलर पैनल की एफिशिएंसी को भी 19% से बढ़ाकर 24% कर दिया गया है ताकि कार को ज्यादा सोलर एनर्जी मिल सके। बैटरी पैक को भी 5.5 kWh से घटाकर 3 kWh किया गया है, जिससे वजन घटाने में मदद मिली लेकिन परफॉर्मेंस में कोई समझौता नहीं किया गया। इस कार की सबसे खास बात यह है कि इसमें मशीन लर्निंग आधारित रेस स्ट्रैटेजी सिस्टम लगाया गया है, जो रियल टाइम में मौसम, सूरज की रोशनी और रास्ते की स्थिति के अनुसार गाड़ी की स्पीड और एनर्जी का मैनेजमेंट करता है। इसके अलावा, लाइव टेलीमेट्री सिस्टम की मदद से पिट क्रू को कार की हर गतिविधि की जानकारी तुरंत मिलती रहती है।
Aagneya को इस मुकाम तक पहुंचाने में कई स्पॉन्सर्स और मेंटर्स का भी बड़ा योगदान रहा है। GameChange Solar, Billion Mobility, Charge Zone और COEZET जैसे स्पॉन्सर्स ने टीम को टेक्नोलॉजी, इंफ्रास्ट्रक्चर और रिसोर्सेज उपलब्ध कराए, जिससे छात्रों को इंटरनेशनल लेवल पर कंपटीशन के लिए पूरी तैयारी करने का मौका मिला। टीम के बिजनेस मॉड्यूल लीड सैराम जे. ने बताया कि Aagneya को डिजाइन करने में लगभग 15,000 घंटे का समय लगा। उन्होंने बताया कि इस बार की प्रतियोगिता बेहद कठिन होने वाली है, जहां दिन में तापमान 50°C से ऊपर जा सकता है और रात में 5°C से नीचे। इसके अलावा, तेज हवाएं और रेगिस्तानी इलाके भी चुनौती बनते हैं। लेकिन टीम ने Aagneya को हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार किया है।
IIT Madras की यह पहल सिर्फ एक रेसिंग कार बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह युवा भारतीय इंजीनियरों की काबिलियत, सोच और तकनीकी श्रेष्ठता को वैश्विक मंच पर लाने का जरिया बन रही है। Aagneya भारत की तकनीकी शक्ति और नवाचार की उड़ान का प्रतीक बन चुकी है। अब सबकी नजरें अगस्त 2025 पर टिकी हैं, जब यह कार ऑस्ट्रेलिया की जमीन पर दौड़ते हुए भारत का परचम लहराएगी।
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