PM-KUSUM योजना के तहत 33 सोलर प्रोजेक्ट्स को मंजूरी, RERC ने टैरिफ को बताया वाजिब

Durgesh Paptwan
Durgesh Paptwan | July 16, 2025

राजस्थान में सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया गया है। राजस्थान इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (RERC) ने प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (PM-KUSUM) योजना के तहत 81.86 मेगावाट क्षमता के 33 सोलर प्रोजेक्ट्स के लिए ₹2.84 से ₹3.04 प्रति यूनिट तक के टैरिफ को मंजूरी दे दी है। ये सभी प्रोजेक्ट्स योजना के Component C के तहत आते हैं जिसमें फीडर-लेवल पर सोलराइजेशन किया जाता है ताकि किसानों को सिंचाई के लिए सस्ती और स्थायी बिजली मिल सके।

Rajasthan Approves 33 PM-KUSUM Solar Projects

Ajmer Vidyut Vitran Nigam (AVVNL) ने दिसंबर 2024 में Component C के अंतर्गत कुल 39 सोलर प्रोजेक्ट्स के लिए टेंडर जारी किया था जिसमें से 33 प्रोजेक्ट्स के लिए वैध बोलियां प्राप्त हुईं। इन बिड्स के आधार पर कुल 81.86 मेगावाट की सौर क्षमता सफल बिडर्स को आवंटित की गई। चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद AVVNL ने राजस्थान इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन से इन टैरिफ की मंजूरी की अपील की। AVVNL का कहना था कि यह टेंडर पूरी तरह पारदर्शी और प्रतिस्पर्धात्मक प्रक्रिया के तहत आयोजित किया गया और इसमें जो टैरिफ निकलकर सामने आए हैं, वे बाजार के वर्तमान रुझानों के अनुसार उचित हैं।

RERC ने इस याचिका पर विचार करते हुए पाया कि प्रक्रिया में कोई अनियमितता नहीं थी और जो टैरिफ तय किए गए हैं, वे वाजिब हैं। इसलिए कमीशन ने ₹2.84 से ₹3.04 प्रति यूनिट तक की रेंज को स्वीकृति दे दी है। इसके साथ ही कमीशन ने सभी डिस्कॉम्स को निर्देश दिए हैं कि वे भविष्य के प्रोजेक्ट्स के लिए सिस्टम और लोड फ्लो स्टडी करें, ताकि सोलर प्रोजेक्ट्स को ग्रिड में सही तरीके से जोड़ा जा सके और नेटवर्क का अधिकतम उपयोग हो सके। इसके अलावा RERC ने यह भी कहा कि यदि डिस्कॉम्स को लेवलाइज्ड टैरिफ तय करने की आवश्यकता हो तो वे स्वयं मार्केट एनालिसिस करके उपयुक्त रेट तय कर सकते हैं।

यह मंजूरी राजस्थान में पहले से चल रहे सोलर प्रयासों को और मजबूती देती है। इससे पहले जून 2025 में भी RERC ने Component C के तहत 233.97 मेगावाट के प्रोजेक्ट्स को टैरिफ अप्रूवल दिया था और हाल ही में जयपुर विद्युत वितरण निगम द्वारा 228.85 मेगावाट क्षमता के 78 सोलर प्रोजेक्ट्स के लिए भी टैरिफ को मंजूरी दी गई थी। इन प्रयासों से राज्य में किसानों को अधिक सुविधा मिलेगी और उनकी ऊर्जा जरूरतें स्थायी रूप से पूरी हो सकेंगी।

इस फैसले से यह साफ संकेत मिलता है कि राजस्थान सरकार और बिजली वितरण कंपनियां अब सौर ऊर्जा की संभावनाओं को गंभीरता से ले रही हैं। इससे न सिर्फ किसानों को सस्ती बिजली मिलेगी, बल्कि राज्य की ऊर्जा आत्मनिर्भरता भी बढ़ेगी। साथ ही पर्यावरण संरक्षण और ग्रीन एनर्जी की दिशा में भी यह एक मजबूत पहल मानी जा रही है।

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