भारत में सौर ऊर्जा क्रांति अब तेज रफ्तार पकड़ चुकी है। नई और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने Mercom India Renewables Summit 2025 में बताया कि PM Surya Ghar: मुफ्त बिजली योजना के तहत अब तक 1.72 मिलियन (17.2 लाख) घरों में रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाए जा चुके हैं। यह संख्या दर्शाती है कि जमीन पर वास्तव में कितनी बड़ी मात्रा में सौर ऊर्जा को अपनाया जा रहा है। जोशी ने यह भी कहा कि सरकार का 500 GW नॉन-फॉसिल फ्यूल एनर्जी का लक्ष्य केवल एक नारा नहीं, बल्कि एक ठोस उद्देश्य है जिसे भारत ने समय से पहले हासिल कर लिया है।

सरकार की नई योजना से बिना छत वाले घरों को भी फायदा
अब सरकार ने ‘Utility-led Solar Program’ लॉन्च करने की तैयारी कर ली है, जिससे उन परिवारों को भी फायदा मिलेगा जिनके पास खुद की छत नहीं है। इस योजना के तहत DISCOM और अन्य सरकारी एजेंसियां अब बड़े स्तर पर सोलर इंस्टॉलेशन करेंगी और उपभोक्ताओं को बिजली मुफ्त या रियायती दरों पर मिल सकेगी। इसके साथ ही Ministry of New and Renewable Energy (MNRE) ने ‘इंसेंटिव टू लोकल बॉडीज’ गाइडलाइंस में बदलाव किया है, जिससे राज्य स्तरीय एजेंसियों को मिले फंड को 60 दिनों के भीतर स्थानीय निकायों तक पहुंचाना अनिवार्य कर दिया गया है। यह कदम सोलर अपनाने की प्रक्रिया को और तेज बनाएगा।
2047 तक 1,800 GW रिन्यूएबल एनर्जी का विशाल लक्ष्य
Summit के दौरान MNRE के अतिरिक्त सचिव सुदीप जैन ने बताया कि भारत ने पहले ही 2030 तक का 50% नॉन-फॉसिल पावर कैपेसिटी का लक्ष्य पांच साल पहले हासिल कर लिया है। लेकिन अब सरकार की नजर 2047 पर है, जब भारत को लगभग 1,800 से 2,000 GW रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी की आवश्यकता होगी। मौजूदा समय में भारत 243 GW नॉन-फॉसिल फ्यूल आधारित बिजली का उत्पादन कर रहा है। यह नया लक्ष्य न केवल पर्यावरण सुरक्षा के लिए आवश्यक है, बल्कि देश की बढ़ती ऊर्जा मांगों को पूरा करने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
बड़े स्तर पर हो रहे हैं निवेश और नई परियोजनाएं
ऊर्जा क्षेत्र में बड़े निवेश और नई योजनाएं लागू हो रही हैं। NHPC की 1.2 GW फर्म एंड डिस्पैचेबल रिन्यूएबल प्रोजेक्ट के लिए ₹4.48 से ₹4.56 प्रति यूनिट की टैरिफ तय की गई है। गुजरात ऊर्जा विकास निगम ने 2,000 MW/4000 MWh की बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम परियोजना का टेंडर जारी किया है, जिसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। वहीं SJVN ने विभिन्न मंत्रालयों की सरकारी इमारतों पर 7.82 MW के रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाने के लिए टेंडर निकाले हैं। इससे न केवल सरकारी ऊर्जा व्यय में कमी आएगी, बल्कि यह देशभर में सोलर ऊर्जा की स्वीकार्यता को और बढ़ावा देगा। भारत की यह ऊर्जा यात्रा अब स्पष्ट दिशा में आगे बढ़ रही है, जहां सौर ऊर्जा केवल विकल्प नहीं, बल्कि मुख्य धारा बनती जा रही है।
यह भी पढ़े – 👉 ₹48,120 करोड़ की बंपर इनवेस्टमेंट! सोलर PLI स्कीम ने खोल दिए नौकरियों के दरवाज़े – 38,500 लोगों को तुरंत फायदा